Friday, February 1, 2008

अंतिम समय में बापू ने क्या कहा था ?

क्या राष्ट्रपिता गांधी ने प्राण त्यागते हुए,"हे राम" वाकई में कहा था? बापू पर लिखी एक नई किताब महात्मा गांधी-ब्रहमचर्य के प्रयोग के मुताबिक में दावा किया गया है कि अंतिम वक्त में उन्होंने ये शब्द नहीं कहे थे।
पत्रकार दयासागर शुक्ल 'सागर'ने यह किताब लिखी हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर माना जाता है कि 60साल पहले,30जनवरी 1948 को नाथुराम गोडसे की गोली लगने से महात्मा गांधी गिर पडे थे। तब सिर्फ उनकी पोती मनु ने उन्हें हे राम बोलते हुए सुना था। शुक्ल ने इस मान्यता पर सवाल उठाया है। उन्होंने दावा किया है कि अंतिम सांसें लेते हुए गांधी जी ने 'आह' कहा था न कि हे राम ?

Wednesday, January 16, 2008

ये कैसी सजा


कानुन हमेशा दावा करता है कि क़ानुन के नज़र में सज़ा के नियम सभी के लिए बराबर होते है। वहां अमीरी ग़रीबी नहीं देखी जाती,कोई सख़्शियत हो या आम आदमी यह नही देखा जाता। कुछ अरसा पहले क़ानुन के इसी पैमाने पर सलमान खान और संजय दत्त को उनके अपराधों की सजा सुनाइ गइ। ईन्हें चार और छ. साल की सज़ा सुनाई गई ।पर देखा जा रहा है कि किसी तरह इन शख्शीयतों ने अपनी जमानत का जुगाड कर ही लिया। सवाल है कि अगर किसी आम आदमी से ग़लती से अपराध हो जाता तो क्या वह जेल की सलाखों के बाहर रह सकता था। सलमान ,संजय के मामले से तो लगता है कि हर स्तर पर पैसा और रसूखदारों की ही चलती है।अगर यह बात ग़लत है तो संजय दत्त और सलमान खान को इस वक्त जेल में होना चाहिए था।